74 Republic Day Speech In Hindi

74 Republic Day Speech In Hindi

Gujrat
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 Republic Day Speech In Hindi

सबसे आप सभी को नमस्कार व गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं. मैं पहले आप लोगों को हमारे साथ गणतंत्र दिवस मनाने के लिए धन्यवाद कहना चाहूँगा. आज 26 जनवरी को हम भारत के 74वा गणतंत्र दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं.

जैसा की आप सभी जानते हैं कि यह एक राष्ट्रीय त्यौहार हैं और हम सभी एक भारतीय होने के नाते इसे मनाते हैं. अन्य धार्मिक उत्सवो के तरह राष्ट्रीय उत्सवों का भी अपना महत्व होता हैं. आज के दिन 1950 भारत को अपना सविंधान मिला था और इसी उपलक्ष्य में आज के दिन को हम मनाते हैं.

यह तो सभी को ज्ञात है कि पहले हमारा देश पराधीन था और यहाँ अंग्रेजों (British) का राज था. गुलामी के समय हम लोगों को अंग्रेजों के कानून नियम व कायदे मानने होते थे. भारतीयों को अंग्रेज हेय द्रष्टि से देखते थे. भारतीयों को अपने ही देश में कोई अधिकार प्राप्त नहीं था. अंग्रेज भारतीयों पर अनेक प्रकार से अत्याचार करते थे । जिसके फलस्वरूप देश के युवा, बुधिजीवी व आम जन मानस ने स्वतंत्रता के लिए संग्राम शुरू कर दिया।

अंत में 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी मिली और उसके ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत डेमोक्रेटिक रिपब्लिक बना. यह दिन इसलिए अधिक महत्वपूर्ण हैं क्यूंकि 26 जनवरी 1950 से पहले भारतीय अंगेजों के बनाये हुए कानून को मानने के लिए विवश थे.

गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों को अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार, जोकि भारतीय सविंधान के अनुसार भारत की जनता के पास हैं.

भारत के सविंधान में सभी नागरिकों के मूल कर्तव्यों, नियम और कानून का उल्लेख है. भारत में विविधता में एकता दिखाने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक बड़ा प्रदर्शन इस दिन किया जाता है. गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन देश के लोगों को सुरक्षित होने का आश्वासन देता हैं.

अंत में इस भाषण को समाप्त करने से पहले, मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं व आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई भी देना चाहता हूँ.



Republic Day Speech In Hindi part 2


आज के इस विशेष शुभ दिन के लिए यहाँ उपस्थित सभी को शुभप्रभात मैं (यहाँ पर अपना नाम ) कक्षा...... का छात्र हूँ। ( अगर आप एक शिक्षक है तो शिक्षक हूँ बोलें ) आज के इस विशेष अवसर पर हम सभी भारत का 74वां गणतंत्र दिवस (74th Republic Day) मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।

सर्वप्रथम मैं आप सभी लोगों धन्यवाद देना चाहता हूँ / चाहती हूँ कि आप सभी लोगों ने मुझे इस शुभ दिन पर ये मौका दिया कि मैं गणतंत्र दिवस पर आपके सामने अपने अपने विचार अपने शब्द रख सकूं। आज का दिन उन देशभक्तों के त्याग, तपस्या,शौर्य और बलिदान की अमर कहानियों को याद करने का दिन है जिनके कारण हम गणतंत्र स्थापित का सके है।

शताब्दियों की परतंत्रता के उपरांत हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी पायी देश के स्वतंत्र होने के ढाई वर्ष पश्चात 26 जनवरी 1950 को देश के कर्णधारों ने भारत के नवीन सविंधान को लागू किया तभी से भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति कहलाता है और 26 जनवरी 1950 से ही आज के दिन को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 जनवरी की तिथि का स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना महत्व है। सन 1930 को रावी नदी के तट पर कोंग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वर्गीय श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की। 26 जनवरी 1930 को उन्होंने प्रतिज्ञा की कि "जब तक हम पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त न कर लेंगे तब तक हमारा स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन चलता रहेगा। औऱइसे प्राप्त करने के लिये हम अपने प्राणों की आहुति दे देंगे। " इसी कारण 26 जनवरी का दिन ही भारत के गणतंत्र की घोषणा के लिये चुना गया। इसी दिन हम पूर्ण रूप से स्वाधीन हो गए उस दिन लार्ड माउंटबेटन ( गवर्नर जनरल) के स्थान पर डॉ राजेंद्र प्रसाद हमारे राष्ट्र के प्रथम राष्ट्रपति बने। आज भी यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

भारतवर्ष में 'स्वराज' के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पुरे जीवनभर संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी यानि हमें कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें किन्तु आज हम सभी कहाँ आकर खड़े हो गये हैं यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने 70 वर्षों के बाद भी हम अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं यह सभी को भलीभांति मालूम है आज हमें फिर से एकबार साथ मिलकर अपने देश से इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है जैसे कि स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से बाहर निकाल फेंका था। हमें भारत देश को फिर से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री इन स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाना होगा।

आओ मिलकर तिरंगा लहरायें, अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमें, नाचें ख़ुशी मनायें। अपना 74वां गणतंत्र दिवस ख़ुशी से मनायें, देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायें।



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